भारतीय मीडिया को धवन के अंगूठे की
चोट दिख जाती है, हिमा दास का 5 गोल्ड मेडल नही दिख रहा.. क्यों ?
लगातार 5 सर्वण पदक विजेता
भारत की शान
#हिमा_दास को सालम
आज हिन्दुस्तान वाले बधाई तक नहीं दे
रहे हैं जबकि भारत की बेटी ने इतिहास रच दिया है l ,इस बेटी को बहुत बहुत बधाइयाँ
Hima das gold medal |
दो। आँसुओं से लिखी हिमा दास ने गोल्ड
मेडल की दास्तान
बधाई दीजिए समाज की बेटी हिमा दास को, जिसने एक नहीं, दो नहीं, 5 गोल्ड मेडल जीते हैं भारत की शान, बहन हीमा दास को दिल से सलाम
हिमा दास ने क्लांदो एथलेटिक्स
इंटरनेशनल चैम्पियनशिप मे एक नही, दो नही, बल्कि पूरे 5 गोल्ड मैङल जीते है,
यहा केवल दस ग्यारह देश से फाइट नही
होती क्रिकेट मैच की तरह बल्कि 150+ देश को चुनौती देना
होता है,
व्यक्तिगत जीवन
उनका जन्म असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रोनजीत दास तथा माता का नाम जोनाली दास है। उनके माता पिता चावल की खेती करते हैं। ये चार भाई-बहनों से छोटी हैं। दास ने अपने विद्यालय के दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलकर क्रिडाओंं मेंं अपनी रुचि की शुरुआत की थी। वो अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं।
फिर जवाहर नवोदय विद्यालय के पीटी टीचर शमशुल हक के सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया। शमशुल हक़ ने उनकी पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी जीतीं।
Hima das gold medal |
जिला स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान 'स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर' के निपोन दास की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने हिमा दास के परिवार वालों को हिमा को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया जो कि उनके गांव से 140 किलोमीटर दूर था। पहले मना करने के बाद हिमा दास के घर वाले मान गए।
हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन- 100 मीटर- (11.74 सेकेंड में), 200 मीटर- (23.10 सेकेंड में), 400 मीटर- (50.79 सेकेंड में) तथा 4X400 मीटर रिले- (3:33.61 में)।
हिमा दास आपको और आपके संघर्ष को दिल ♥ से सलाम करते हैं l
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