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मधुमेह से बचने के प्राकृतिक उपाय :
आजकल हर दूसरे
व्यक्ति को डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी बहुत
ज्यादा हो रही है। इस बीमारी की चपेट में तो बच्चे भी देखे गए हैं। इस बीमारी के
होने से ओर कई बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। इसमें दवाई लेने के साथ
परहेज भी काफी करना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाए तो उसे यह
जिंदगी भर के लिए घेरे रखती हैं। कई बार तो यह बीमारी जानलेवा बन जाती है लेकिन यदि हम कुछ ऐसे तरीकें अपनाते हैं जिनसे शुगर कंट्रोल में रहे तो हम इस बीमारी पर जीत प्राप्त कर सकते हैं।
आज हम आपको बहुत ही
आसान एक एेसा चमत्कारी नुस्खा बताने जा रहे हैं। जिसका कोई साइड-इफैक्ट भी नहीं है
और उससे आपका शुगर लेवल पूरा कंट्रोल में आ जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस नुस्खे
में आपको कोई कड़वी चीज का सेवन नहीं करना पड़ेगा।
मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण
इंसुलिन हार्मोन का
अनबैलेंस होना:- शुगर डायबिटीज होने
का एक कारण इंसुलिन हार्मोन का अनबैलेंस होना भी होता है इंसुलिन ही हमारे रक्त
में ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करता है और हमारे शरीर के रक्त में जो ग्लूकोज
कण होते हैं उनसे ही हमारे शरीर को और ब्लड में जो Cells होते
हैं उनको एनर्जी (ऊर्जा) मिलती है जब इंसुलिन हार्मोन का बनना या फिर अपने एक
निश्चित लेबल से कम हो जाना या ज़्यादा हो जाना अथवा इंसुलिन हार्मोन की कार्य
प्रणाली में कमी आ जाती है तो यह शुगर की बीमारी होने का कारण बन जाता है|
पेंक्रियाज ग्रंथी के ठीक से काम ना करने
के कारण भी आपको इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है, दोस्तों पेंक्रियाज
ग्रंथी हमारे मानव शरीर में वह चीज होती है जिससे हमारे शरीर की जरूरत के लगभग सभी
हारमोंस इसी ग्रंथि में से निकलते हैं और इंसुलिन और ग्लूकोज भी इसी ग्रंथि में से
निकलता है, या तो पेंक्रियाज ग्रंथी सही तरीके से अपना काम नहीं करती या यह
ग्रंथि बिल्कुल ही बेकार हो जाती है इस वजह से भी मानव शरीर में मधुमेह होने का
कारण बनता है|
ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाना
यह बात तो आमतौर पर आप सभी जानते हैं कि जिन को मधुमेह का रोग हो जाता है उनका शुगर लेवल सामान्य से कम या अधिक हो जाता है क्योंकि मधुमेह का रोग होने पर इंसुलिन नामक हार्मोन में गड़बड़ी होने के कारण हमारे शरीर के रक्त में ग्लूकोस की मात्रा सामान्य से कम या ज्यादा हो जाती है जिससे मधुमेह होने का कारण बनता है|
How to control diabetes in hindi |
आनुवांशिक कारण:- तो हमारे मानव शरीर में कई ऐसी बीमारियां होती
हैं जिनको हम Genetic जेनेटिक प्रॉब्लम कहते हैं इसका हिंदी में सरल
मतलब यह होता है कि वह बीमारी जो हमारे फैमिली मेंबर में से किसी को पहले से ही है
और आगे चलकर वह आपको भी हो जाती है तो इस टाइप की बीमारियों को जेनेटिक बीमारी
बोलते हैं और शुगर की बीमारी में भी यह हो सकता है. जैसे के आपके पिताजी या दादा
जी या माता जी को शुगर की दिक्कत है तो हो सकता है कि आगे चलकर आपको भी समस्या का
सामना करना पड़े|
मोटापा एक कारण
आपके
शरीर में मोटापा भी डायबिटीज की बीमारी को निमंत्रण देता है और मधुमेह की बीमारी
का सबसे ज्यादा और आम कारण यही है मोटे लोगों को बहुत जल्दी शुगर की बीमारी हो
जाती है और मोटापे के कारण हमारे मानव शरीर में अनिश्चित मात्रा में कैलोस्ट्रोल
और कैलोरी का स्तर अपने सामान्य स्तर से बढ़ जाता है जो कि हमारे शरीर में स्थित
उपस्थित इंसुलिन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा
अपने सामान्य स्तर काम हो जाती है. अगर आपका वज़न अधिक है और आप मोटापे से परेशांन हैं तो
आपको हमारी यह पोस्ट पढ़ लेनी चाहिए|
जमकर खाएँ जामुन:- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है।
यदि कहा जाए कि जामुन मधुमेह के रोगी का ही फल है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी
मधुमेह में अत्यंत लाभकारी हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन करना चाहिए। जामुन रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है, जामुन
के मौसम में इसके नियमित सेवन से डायबटीज के मरीज को फायदा होता है. इससे शुगर के
मरीज को होने वाली समस्याए जैसे बार-बार । प्यास लगना और बार-बार यूरिन पास होना
आदि में भी लाभ पहुचता है.
जामुन के फायदे |
जामुन के तत्व:- जामुन में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो कि व्यक्ति को
हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक
और स्ट्रोक आदि से बचाता है. अगर किसी व्यक्ति में खून की कमी पाई जाती है, तो उसे भी जामुन का सेवन भरपूर
मात्रा में करना चाहिये, इससे व्यक्ति के शरीर में खून का
स्तर बढ़ जाता है. जामुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और विटामिन प्रचुर मात्रा में मौजूद होते है, जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता को बढ़ाते है.
डायबिटीज मधुमेह (डायबिटीज, शुगर):- जामुन में पाया जाने वाला ग्लूकोज और फ्रक्टोज
के रूप में मिलने वाली शुगर आपके शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश
भी करता है। जिससे शुगर कंट्रोल रहती है। डायबिटीज के रोगी जामुन की गुठलियों को
सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक
रहता है।
Diabetes-Treatments |
1.तांबे
के बर्तन में पानी पीयें:
मधुमेह को नियंत्रण
में रखने के लिये जो सबसे सरल और सटीक उपाय सुझाया जाता है वो है तांबे के बर्तन
में पानी पीना। तांबा प्रयोग करने से कई स्वास्थ लाभ है जिसमें से एक मधुमेह
नियंत्रण है। रात को सोने से पहले तांबे के जग या ग्लास
में पानी भरकर रखे और प्रातः उठकर उसे पीयें। ऐसे करने से शरीर में मधुमेह के
लक्षणों का नाश होता है।
करेले से ना डरें :-
प्राचीन काल से करेले मधुमेह के इलाज में रामबाण
माना जाता रहा है। इसके कड़वे रस के सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती
है। मधुमेह के रोगी को प्रतिदिन करेले के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
इससे आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होता है। नवीन शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी
मधुमेह को शीघ्र और स्थाई रूप से खत्म करने की क्षमता रखता है।
30 – 40 मिनट व्यायाम करें “रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में कम-से-कम 30 – 40 मिनट व्यायाम करना आपके लिए महत्वपूर्ण है|” हलके व्यायाम जैसे योग करने से या रोज़ टहलने से ग्लूकोज़ लेवल पर प्रभाव पड़ता है|
स्वस्थ
और पोषक आहार का सेवन करें:
कार्बोहाइड्रेट
युक्त खान खाने से ही शरीर में ग्लूकोज का निर्माण होता है। कार्बोहाइड्रेट के
अधिक सेवन से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यदि हम कार्बोहाइड्रेट युक्त
भोजन खाना कम कर दें इससे भी मधुमेह के नियंत्रण
में बहुत मदद मिलेगी। हमें कार्बोहाइड्रेट की जगह फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। भूख मिटाने के लिए खाएँ खीरा बहुत फ़ायदा करता हैं
मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का
भोजन खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से बार-बार भूख लगती है। ऐसी स्थिति में
खीरा खाकर अपनी भूख मिटानी चाहिए।
Diabetes-Causes-and-Risk-Factors-in-Hindi |
आहार सेवन पर सख्त पालन करें
“दवाओं के बिना आहार पर सख्त शासन रखना और भी
ज़रूरी हो जाता है|”
शुगर का घरेलू इलाज करने का एक और तरीका है अपने आहार पर निगरानी
रखना| डॉक्टर ने राजीव को समझाया की इससे ग्लूकोज़ लेवल
पर नियंत्रण में रहता है|
अपने dietician से बात करें और उचित आहार चार्ट बनवाएं| शुगर का लेवल नियंत्रण में रखने के लिए यह आहार कम खाएं – Processed या packaged खाने की
चीज़ें जैसे चिप्स, बिस्कुट, नमकीन, आदि सॉफ्ट ड्रिंक्स
कोरमा या ग्रेवी वाला माँसाहारी खाना
स्टार्च-युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मैदे की ब्रेड, पास्ता, चावल, और सूजी या मैदे से बनी हुई चीज़ें
इनके बदले में आटा, जई, जुआर या बाजरे से बने आहार खाएं, जिनसे आपका ग्लूकोज़ नियंत्रण में रहेगा और शरीर को फाइबर मिलेगा| गाजर और पालक का सेवन करना चाहिए
मधुमेह के रोगियों को गाजर और पालक का रस पीना चाहिए। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है। शलजम रामबाण इलाज है मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। अतः शलजम की सब्जी और विभिन्न रूपों में शलजम का सेवन करना चाहिए।
हल्का-फुल्का खाने के लिए कटे हुए फल, छाछ, स्प्राउट (sprouts) या उबले हुए अंडे का सेवन करें| शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए दिन में खाना कम अंतराल में खाएं|
ज़्यादा तेल में तलें आहार या जंक-फ़ूड के बदले भुने हुए खाने को खाएं|
Diabetic diet tips in Hindi |
पर्याप्त
मात्रा में पानी पीये:
कई वैज्ञानिक अध्ययन
में ये पाया गया है कि पानी पीने से खून में शुगर-स्तर’ को नियंत्रित करने में
सहायता मिलती है। यह मधुमेह के लिए सबसे आम घरेलू उपचारों में से एक है। इसके
अलावा, पर्याप्त पानी का सेवन डीहाईड्रेशन को रोकने और
मूत्र के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में किडनी की मदद भी करता
है।
तनाव
पर करें नियंत्रण:
नियमित समय पर शुगर का लेवल मांनीटर
करना शुगर का घरेलू इलाज का एक और महत्वपूर्ण तरीका है| यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो तनाव आपके ब्लड शुगर
स्तर को प्रभावित कर सकता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो ग्लूकागन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन स्रावित
होते हैं, जो बदले में, हमारे ब्लड शुगर
स्तर को बढ़ाते हैं। “अपना ब्लड-शुगर का लेवल मांनीटर करने से आप देख सकते हैं क्या खाने या न
खाने से आपके ग्लूकोज़ लेवल पर असर पड़ रहा है| यह कई विशेषज्ञों
का सुझाव है कि तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका व्यायाम या नियमित रूप से
ध्यान करना है।
चमत्कारी है गेहूँ के जवारे :
गेहूँ के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूँ
के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा डालता है। इसका रस
मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। इसे ग्रीन ब्लड भी कहते हैं। रोगी को
प्रतिदिन सुबह और शाम में आधा कप जवारे का ताजा रस दिया जाना चाहिए।
अन्य उपचार : -
नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस और चार चम्मच
केले के पत्ते का रस लेना चाहिए। चार चम्मच आँवले का रस, गुडमार की पत्ती का काढ़ा भी मधुमेह नियंत्रण के
लिए रामबाण है। अपने मधुमेह को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने के लिए इन उपायों
का पालन करें। आप अपने
डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही उन उपायों को
प्रयोग में लायें। मधुमेह पर क़ाबू रखने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह से glucometer का इस्तेमाल करें|
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