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पन्ना रत्न पहनने से खुल सकती है आपकी किस्मत, जानिए इसके फायदे।
पन्ना रत्न आमतौर पर लोगों को पसंद आ ही जाता है। यह हल्के
हरे रंग का होता है, जो कि
दिखने में काफी अच्छा लगता है। पन्ना कई
प्रकार का होता है। लेकिन आमतौर पर इसके 5 प्रकार
देखने को मिलते हैं। एक पन्ना दिखने में तोते के पंख के जैसे रंग का होता है। जबकि
दूसरा पानी के रंग जैसा यानि की रंगहीन होता है। तीसरा सरेस के फूलों जैसे और चौथा
मयूरपंख जैसा होता है। इसी तरह इसका पांचवां प्रकार है हल्के संदुल पुष्प के जैसा।
यह काफी नरम पत्थर होता है और यह काफी महंगा भी है। लिहाजा इसके मूल्य को रंग, रूप और चमक के साथ वजह के आधार पर तय किया जाता है।
इसके
धारण करने वाला व्यक्ति अपनी कई मुश्किलों को आसानी से हल कर लेता है। इसे धारण
करने के बाद कई अनिश्चितताएं निश्चितता में बदल जाती हैं। वहीं यह रोग निरोधक
क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही बलवर्धक भी माना जाता है।
पन्ना पत्थर पहनने के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Wearing Emerald Stone)
- पन्ना ब्रह्मांड से जुड़ा रत्न है और इस रत्न को पहनने से जन्म कुंडली में बुध की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद मिलता है।
- यह एक व्यक्ति की मानसिकता और बुद्धि से संबंधित है और उसकी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है कुंडली में कमजोर बुध, कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि त्वचा से संबंधित बीमारियों (जैसे एलर्जी), भाषण और तंत्रिका तंत्र (घबराहट और तनाव) के कारण हो सकते हैं। बुध की वजह से इन समस्याओं को दूर करने के लिए, मूल रूप से रत्न की पन्ना पहनना चाहिए।
- पन्ना एक पवित्र रत्न है, जो सदियों से प्राकृतिक चिकित्सा उपचार का एक हिस्सा रहा है। इसे प्रेम, आशा और शांति के प्रतीक के रूप में देखा गया है, यही वजह है कि इसे मानसिक रोगी के लिए अच्छा माना जाता है।
- यह अपनी भावनाओं पर तनावपूर्ण प्रभाव और तनाव को कम करने के अलावा, पहनने वाले के तर्क शक्ति और ज्ञान में वृद्धि करता है। मस्तिष्क को सुदृढ़ करने और स्मृति में सुधार करने के अलावा, एक अच्छी गुणवत्ता वाले पन्ना आमतौर पर बाधाओं जैसे भाषण समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी है।
Emerald stone (पन्ना) |
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। इसे अनेक नामों से जाना जाता है जैसे
संस्कृत में मरकत मणि, फारसी में जमरन, हिन्दी में पन्ना और अँग्रेजी में एमराल्ड। यह गहरे से हल्के हरे
रंग का होता है। यह अधिकतर दक्षिण महानदी, हिमालय, गिरनार और सोम नदी के पास पाया जाता
है। इस रत्न को धारण करने वाला सौभाग्यशाली होता है।
पन्ना मुख्यतः पाँच रंगों में पाया जाता है। तोते के पंख के समान
रंग वाला, पानी के रंग जैसा, सरेस के पुष्प के रंगों वाला, मयूरपंख जैसा और हल्के संदुल पुष्प के समान होता है। पन्ना अत्यंत
नरम पत्थर होता है तथा अत्यंत मूल्यवान पत्थरों में से एक है। रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के अनुसार इसका मूल्य
निर्धारित होता है।
यह रत्न 500 रुपए कैरेट से 5 हजार रुपए कैरेट
तक आता है। इस रत्न को धारण करने से अनिश्चितता निश्चितता में बदल जाती है।
विद्यार्थी वर्ग यदि पन्ना पहने तो बुद्धि तीक्ष्ण बनती है। यह रोगियों के लिए
बलवर्धक, आरोग्यदायक एवं सुख देने वाला होता
है। जिस घर में यह रत्न होता है, वहाँ अन्न-धन की
वृद्धि, सुयोग्य संतान तथा भूत-प्रेत की
बाधा शांत होती है। सर्प भय नहीं रहता। नेत्र रोगों में भी यह अत्यंत लाभकारी होता
है। इस रत्न को पाँच मिनट तक प्रातः एक गिलास पानी में घुमाएँ फिर आँखों पर छिटका
जाए तो नेत्र रोग में फायदा होता है।
* पन्ना यदि मिथुन लग्न वाले धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से
राहत मिल सकती है। माता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। जनता से संबंधित कार्यों में
सफलता मिलेगी।
* कन्या लग्न वाले व्यक्ति भी पन्ना पहनकर राज्य, व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में लाभ पा सकते
हैं। यदि कन्या लग्न वाले बेरोजगार हैं, तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
* यदि किसी के जन्म लग्न में बुध 6, 8, 12वें भाव में हो तो वे पन्ना पहन सकते हैं।
* बुध यदि नीच मीन राशि का हो तो वह भी पन्ना पहन सकते हैं।
यदि बुध धनेश होकर नवम भाव में हो, तृतीयेश होकर दशम भाव में हो, चतुर्थेश सुखेश होकर आय एकादश स्थान में हो तो पन्ना पहनना अत्यंत
लाभकारी होता है।
* बुध यदि सप्तमेश होकर दूसरे भाव में हो नवमेश होकर चतुर्थ भाव में
हो, एकादशेश होकर छठे भाव में हो तो
पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
* यदि बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो पन्ना पहनना
शुभ रहता है।
* यदि बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो पन्ना अवश्य पहनें।
* यदि जन्म कुंडली में शुभ भाव 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 , 11वें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो तो पन्ना पहनना श्रेष्ठ रहेगा।
* यदि बुध, मंगल, शनि, राहू या केतु के साथ स्थित हो तो
पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
* यदि बुध पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
* बुध यदि लग्नेश होकर चतुर्थ, पंचम या नवम भाव में शुभ ग्रहों के साथ हो तो पन्ना हितकर रहेगा।
पन्ना उन व्यक्तियों को भी पहनना चाहिए जो व्यापारी हों, गणित से संबंधित कार्य करने वाले हों या सेल्समैन हों। ऐसे
व्यक्तियों को पन्ना उत्तम प्रभाव देकर लाभान्वित करेगा।
पन्ना बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र हो उस दिन सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक पन्ना पहन सकते हैं। पन्ना सदैव चाँदी की धातु में शुभ घड़ी
में बनाकर ही पहनें। पन्ना कम से कम 3 कैरेट का होना चाहिए व उससे अधिक हो तो उत्तम रहेगा।
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